होली हंसी ठिठोली है ,
बुरा न मानो होली है
बुरा न मानो होली है ।
बुरा न मानो होली है ।।
दीवानों की टोली है
मुंह में भांग की गोली है
गरिआती हर बोली है
लेकिन बिल्कुल भोली है
यह सबकी मुंहबोली है
हर भड़ास हमजोली है
रंग ने मस्ती घोली है
हरी भरी हर डोली है
बौराई अमरोली है
बुरा न मानो होली है
काम नेक ये कर बैठी
नाम एक से कर बैठी
सबकी सब पहचान मिटी
आनोबानोशान मिटी
लेकर सभी गुलाल चले
सब मिट्टी के लाल चले
किसने कितने गाल मले ?
सबमें यही सवाल चले
होली हंसी ठिठौली है
बुरा न मानो होली है
हर पल कितना धांसू है
आंख में एक न आंसू है
कितने कितने रंग खिले
जब अंगों से अंग मिले
पृष्ठ खुले हैं खातों के
गलबंहियों के नातों के
जोड़ तोड़ न बाक़ी है
जमा एक बेबाकी है
चाहे खाली झोली है
बुरा न मानो होली है
होली है .....दिन/दिनांक: 01 मार्च 2010
Monday, March 1, 2010
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होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteहिन्दीकुंज
काम नेक ये कर बैठी
ReplyDeleteनाम एक से कर बैठी
सबकी सब पहचान मिटी
आनोबानोशान मिटी
लेकर सभी गुलाल चले
सब मिट्टी के लाल चले
किसने कितने गाल मले ?
सबमें यही सवाल चले
होली हंसी ठिठौली है
बुरा न मानो होली है
यूं तो पूरी रचना ही प्रभावशाली है। ये पंक्तियां ज्यादा असर डाल गईं
हर पल कितना धांसू है
ReplyDeleteआंख में एक न आंसू है
कितने कितने रंग खिले
जब अंगों से अंग मिले
पृष्ठ खुले हैं खातों के
गलबंहियों के नातों के
जोड़ तोड़ न बाक़ी है
जमा एक बेबाकी है
चाहे खाली झोली है
बुरा न मानो होली है
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